जांच के नाम पर खानापूर्ति कर चले गये पीडब्ल्यूडी के अधिकारी

निर्माणाधीन फोरलेन में लगातार हादसों व शिकायत के बाद पहुंचे थे अधिकारी
मोबाईल टेस्टिंग लैब के दिखावे और फोटो सेशन से निपटी जांच
डोंगरगांव। नगर के मध्य 3.60 किलोमीटर के निर्माणाधीन फोरलेन सडक़ में बनते के साथ ही होने वाले गड्ढे तथा जल जमाव तथा लगातार हो रहे दुर्घटना तथा स्तरहीन निर्माण कार्यों को लेकर लगातार खबरें प्रकाशित होने के बाद पीडब्ल्यूडी के आला अधिकारी गुरूवार को डोंगरगांव पहुंचे थे। जहां जांच के नाम पर खानापूर्ति कर अधिकारियों ने बैरंग लौटना मुनासिब समझा। इस दौरान वे मीडिया से बचते रहे, साथ ही जांच के लिए आई मोबाईल टेस्टिंग लैब निर्माणाधीन सडक़ के चक्कर लगा बगैर किसी जांच के लौट गई। वहीं अधिकारियों द्वारा इस दौरान विभिन्न स्पाटों पर अलग अलग एंगल से फोटो सेशन कर औपचारिकता निभाई।
बता दें कि बीते दिनों भाजपा के वरिष्ठ नेताओ व नागरिकों ने कलेक्टर सहित अन्य जिम्मेदारों को विभिन्न माध्यमों से शिकायत आवेदन प्रस्तुत किया था। उक्त शिकायत पत्र में निर्माण कार्य के संबंध में प्रारंभ से लेकर आज पर्यन्त उक्त सडक़ में हो रहे लगातार हादसों व दुर्घटना में मृतकों व घायलों का जिक्र करते हुए गुणवत्ताहिन निर्माण कार्य की उच्च स्तरीय जांच की मांग की गई थी। सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार उक्त शिकायत के बाद कलेक्टर द्वारा तकनीकी व प्रशासनिक जांच के लिए संबंधितों को निर्देशित किया था। जिसके बाद यह टीम पहुंची थी। इस दौरान जिम्मेदार अधिकारी स्थानीय मीडियाकर्मी व आमजनों से बचते नजर आये। वहीं पूछे जाने पर अधिकारी बारिश का हवाला देेते तथा निर्माण कार्य अपूर्ण होने की बात कहते हुए अप्रत्यक्ष तौर पर ठेकेदार का बचाव करते नजर आये। विदित हो कि उक्त निर्माण कार्य के कार्य पूर्णता की अवधि पहले ही समाप्त हो चुकी है। परन्तु, पीडब्ल्यूडी द्वारा ठेकेदार पर कार्यवाही करने के बजाय समय सीमा बढ़ा देने की अपुष्ट खबर है।
जानिये क्या है शिकायत पत्र में
नगर के मध्य से होकर गुजरने वाले स्टेट कारिडोर के 3.60 किमी में फोरलेन सडक़, डिवाइडर, ड्रेनेज सिस्टम तथा विद्युतीकरण का कार्य किया जाना है। इसके लिए शासन से लगभग साढ़े पन्द्रह करोड़ रू. स्वीकृत हुए हैं। उक्त कार्य लेखराम साहू फर्म को दिया गया है। इस कार्य के प्रारंभ से लेकर आज पर्यन्त तक गुणवत् ता पर प्रश् न चिन्ह सदा बनते आया है। बात चाहे डब्ल्यूएमएम से लेकर डिवाइडर के क्रांकीटीकरण की हो या फिर नये नवेले सडक़ में लगातार बन रहे जानलेवा गड्ढों की हो। इन्हीं सब समस्याओं को लेकर भाजपा के नेताओं ने बीते दिनों कलेक्टर को शिकायती पत्र दिया था। वहीं अब शिवसेना ने भी इन्हीं मुद्दों को लेकर मोर्चा खोल दिया है।
जांच के लिए पहुंचे थे पीडब्ल्यूडी के मुख्य अभियंता
गुरूवार को नगर के निर्माणाधीन फोरलेन सडक़ तथा ड्रेनेज सिस्टम की जांच के लिए पीडब्ल्यूडी के मुख्य अभियंता बीएस बघेल, अधीक्षण अभियंता एचआर धु्रव तथा कार्यपालन अभियंता एके चौहान पहुंचे थे। इस दौरान एसडीओ हर्षद साहू व उप अभियंता कौशल जत्ती मौजूद थे। आश्चर्य की बात तो यह है कि इसकी भनक शिकायतकर्ताओं को भी नहीं थी, जबकि शिकायतकर्ताओं ने अपने शिकायत में खुली जांच की मांग की थी। वहीं अधिकारियों की आने की खबर के साथ ही संबंधित ठेकेदार ने गड्ढों को भरने का काम भी प्रारंभ कर दिया था। जबकि विभाग उक्त सडक़ में किसी प्रकार के कोई भी जांच किये बगैर मोबाईल टेस्टिंग लेब के वैन को बैरंग ले गये। वहीं जांच के नाम पर चार पांच स्थानों पर अधिकारी खड़े हुए, फोटो सेशन कराया और चलते बने।
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